सनातन शास्त्रों में निहित है कि कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी व्रत (Krishna Pingal Chaturthi Importance) करने से नवविवाहित दंपतियों को पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। साथ ही साधक के आय सुख सौभाग्य और ऐश्वर्य में वृद्धि होती है। इस उपलक्ष्य पर व्रती श्रद्धा भाव से भगवान गणेश की पूजा करते हैं। साथ ही भगवान गणेश के निमित्त व्रत रखते हैं।