मौलाना महमूद मदनी ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि जब देश के बड़े-बड़े लोग हमें घुसपैठिए बोल रहे हैं तो उनके दरवाजे कैसे जाएंगे? हमारे दरवाजे सारे राजनीतिक दलों के लिए खुले हुए हैं लेकिन कुछ राजनीतिक दल हमारी पहचान ही खत्म करना चाहते हैं। ऐसे में उनसे बात कैसे हो सकती है? हालांकि जो लोग समझदार हैं उनसे बात होनी चाहिए।