सनातन धर्म में भगवान शंकर की पूजा बहुत शुभ मानी जाती है। उनकी पूजा करने से मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जीवन की मुश्किलों का अंत होता है। वहीं आज हम ये जानेंगे कि भगवान शिव को तीसरा नेत्र कैसे और क्यों प्राप्त हुआ? जिसके पीछे की कथा बेहद रहस्यमयी है तो चलिए जानते हैं -