दिल्ली सहित पांच राज्यों में किए गए अध्ययन के मुताबिक रासायनिक प्रतिक्रियाओं और वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों (वीओसी) के धुएं में वृद्धि के कारण पीएम 2.5 का निर्माण होता है। वीओसी के आक्सीकरण से बनने वाले सेकेंडरी कार्बनिक एरोसोल (एसओए) वायुमंडल में महीन कणों में परिवर्तित हो जाते हैं। नाइट्रोजन ऑक्साइड (नाक्स) हाइड्रोकार्बन के साथ मिलकर बनने वाला पेरोक्साइसेटिल नाइट्रेट (पीएएन) फोटोकेमिकल स्माग को बढ़ावा देता है।