याचिका में अनुरोध किया गया था कि राज्यों को कथित गोरक्षकों द्वारा मुसलमानों के खिलाफ मॉब लिंचिंग की घटनाओं से निपटने के लिए शीर्ष अदालत के 2018 के एक फैसले के अनुरूप तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाए। पीठ ने आदेश दिया कि हमने पाया है कि अधिकतर राज्यों ने मॉब लिंचिंग के उदाहरण पेश करने वाली रिट याचिका पर अपने जवाबी हलफनामे दाखिल नहीं किए हैं।