ईडी ने कहा था कि 31 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी के साथ महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले जिससे अवैध भुगतान के लिए पर्याप्त मात्रा में नकदी जुटाने में भरत रेड्डी उनके निजी सहायक रत्ना बाबू और अन्य की संलिप्तता स्थापित हुई। ईडी ने दावा किया था भरत रेड्डी ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कुछ महीनों में लगभग 42 करोड़ रुपये का उपयोग गैरकानूनी लेनदेन के लिए किया।