सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि संविधान का उद्देश्य सामाजिक परिवर्तन की भावना लाना है। यह कहना खतरनाक होगा कि किसी व्यक्ति की निजी संपत्ति को समुदाय का भौतिक संसाधन नहीं माना जा सकता है और सार्वजनिक भलाई के लिए राज्य द्वारा उसका अधिग्रहण नहीं किया जा सकता है। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली नौ न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने यह टिप्पणी की।