दिल्ली हाईकोर्ट ने माना है कि कोई प्राधिकारी सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई अधिनियम) के तहत इस आधार पर जानकारी देने से इनकार नहीं कर सकता कि बड़ी मात्रा में जानकारी मांगी गई है। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि यदि न्यायालय इस तर्क को स्वीकार करता है तो यह आरटीआई अधिनियम की धारा-आठ के तहत कोई और छूट जोड़ने के समान होगा।