तीस हजारी कोर्ट ने अपनी नाबालिग बेटी से दुष्कर्म के दोषी व्यक्ति को आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने कहा है कि अपराध इतना पैशाचिक था कि यह सजा कम करने वाली परिस्थितियों पर भारी पड़ा। अदालत ने कहा आजीवन सजा न्याय के साथ-साथ समाज के हित में भी काम करेगी। इसके अलावा यह दोषी को नष्ट नहीं करेगी।