राजस्थान के हनुमानगढ़ के छोटे से गांव बीरन के रहने वाले हेमंत की मां एक मनरेगा कार्यकर्ता के रूप में काम करती हैं उनके पिता गांव के पुरोहित हैं। इसके अलावा हेमंत को दिव्यांगता की चुनौती का भी सामना करना पड़ा। यह देखना किसी फिल्म से कम नहीं है कि मनरेगा मजदूर के बेटे हेमंत ने कैसे सिविल सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त की।