शुक्रवार को दिए आदेश में पीठ ने कहा कि वर्तमान मामले में स्थिति बहुत खराब है। मामले में प्रतिवादी नंबर एक थानाध्यक्ष पर थाने में ही नाबालिग के साथ दुष्कर्म जैसा जघन्य अपराध करने का आरोप लगाया गया है। ऐसे में उसके जमानत देने की प्रार्थना पर HC को और अधिक विचार करना चाहिए था। हमें प्रतिवादी नंबर एक को जमानत देने को सही ठहराने का कोई कारण नहीं मिला।