शीर्ष अदालत (Supreme Court) ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पिछड़े समुदायों अनुसूचित जातियों या अनुसूचित जनजातियों के साथ-साथ सामाजिक आर्थिक और शैक्षणिक रूप से वंचित पृष्ठभूमि से आने वाले निर्दोष व्यक्तियों की हिस्ट्रीशीट में कोई यांत्रिक प्रविष्टि न की जाए। SC ने कहा कि हिस्ट्रीशीट एक आंतरिक सार्वजनिक दस्तावेज है न कि सार्वजनिक रूप से सुलभ रिपोर्ट।