राष्ट्रीय
मुंबई में मंगलवार की शाम को इस गाने को स्टेज पर कुछ नेत्रहीन म्यूजिशियन्स से परफॉर्म भी किया। इस मौके पर आमिर ने कहा कि इस गाने से मेरा करियर शुरू हुआ था। नासिर (हुसैन) साहब ने हमें फिल्म के दौरान बहुत सपोर्ट किया था। उन्होंने कहा कि कयामत से कयामत तक भारतीय सिनेमा का वह मील का पत्थर है जिसने सिनेमा की सोच को बदला।