सनातन धर्म में अमावस्या एवं पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन साधक गंगा समेत पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं। साथ ही भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। अमावस्या तिथि पर पितरों का तर्पण भी किया जाता है। गरुड़ पुराण में निहित है कि पितरों का तर्पण करने से जातक को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।