एकादशी का उपवास को रखने से सभी प्रकार के पापों से छुटकारा मिल जाती है। साथ ही घर में माता लक्ष्मी का वास होता है। व्रत के अगले दिन सूर्योदय के बाद इसका पारण किया जाता है। सूर्योदय से पहले द्वादशी तिथि समाप्त होने के भीतर पारण करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे में पारण समय का विशेष ध्यान रखें। वहीं इस दिन श्री हरि स्तोत्र का पाठ भी जरूर करें।