इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही मनोकामना पूर्ति हेतु व्रत-उपवास रखा जाता है। साथ ही जन्म-जन्मांतर में किए गए सारे पाप कट जाते हैं। शास्त्रों में एकादशी व्रत का महत्व बताया गया है। इस व्रत के पुण्य प्रताप से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। ज्योतिषियों की मानें तो वरुथिनी एकादशी पर दुर्लभ इंद्र योग का निर्माण हो रहा है।