सूर्य पुत्र कर्ण अपने पालक पिता अधिरथ की भांति अन्य कार्य करने के बजाय युद्ध कला में महारत हासिल की। कहा जाता है कि सर्वप्रथम सूर्य पुत्र कर्ण को आचार्य द्रोण से युद्ध कला की शिक्षा प्राप्त हुई। हालांकि ब्रह्मास्त्र अस्त्र की विद्या हासिल करने में कर्ण विफल रहे। ऐसा कहा जाता है कि सूर्य पुत्र कर्ण ने अनुचित तरीके से ब्रह्मास्त्र चलाने की विद्या हासिल करनी चाहिए।